ताज की उपाधि भारत भूमि की शान
स्वर्ग सी भूमि, वादियों का जहान
क्या सोचा था कभी की एक दिन
कश्मीर बन जायेगा क़ब्रिस्तान?
सदियाँ बीत गयी, गुज़रे राजे महान
मगर बदला नहीं आज भी एक सवाल
राज करेगा कौन, लेगा कौन सत्ता की कमान?
आज़ादी के बाद मिली एक अलग पहचान
सालों तक झेले आतंक के निशान
अगस्त’19 का वो एतिहासिक दिन
दिनांक 5 को बना हिस्सा-ए-हिंदुस्तान
उम्मीद ख़ुशहाली और भाईचारे की हर ज़हन में
मगर बदले में हुआ हर चौक चौराहा सुनसान
भड़के दंगे चली गोलियां , हुई रक्तरंजित
खून से वो गालियाँ केसरी लाल
लगा ताला स्कूलों, कॉलेजों पर और
बन्द हुआ इंटरनेट जिससे जुड़ा था पूरा जहान
भविष्य युवा पीढ़ी का, सत्ता की ख़ातिर
चुप चाप कर दिया साल भर क़ुर्बान
फिर आई आपदा भयानक अचानक सीमा पार
हुआ बेबस कोरोना के समक्ष विश्व का हर इंसान
तब भी कश्मीर बना रहा अपंग लाचार बेजान
कैसे करे गुहार मदद की औरों से जब
यहाँ मीडिया तक पर लगी पाबंदी और
कैद हुआ हर डाकिया अंजान
झेली कितनी परेशनियां , कुछ भी नहीं रहा आसान
ज़रा सोचो साल भर कैसे कटे लोगों के दिन
जब बिन इंटरनेट नहीं रहता आज एक पल इंसान
कैसे सुनाए, किसको सुनाए यह कश्मीर
ख़ुद पर बीती ये दर्द की अनसुनी दास्तान
अब साल भर बाद जो जारी किया
इंटरनेट सेवा शुरू करने का फ़रमान
उसमें भी नियम कानून हज़ार
क्या सच में कश्मीर है आज़ाद
या लोकतंत्र बन गया है केवल सजावटी सामान?
क्या धारा 370 हटने के बाद खुशहाली आई
या सिर्फ़ नाम का रह गया यह अहसान?
खैर अच्छे बुरे हालात पहलू दो एक सिक्के के
मगर कश्मीर ने देखा है दुखों का हैवान
सदियों की पीड़ा, सैंकड़ों की गयी जान
फ़िर भी कभी झुका नहीं ताज़-ए-हिंदुस्तान
यह कश्मीर है , भारत की आन बान शान
और हाँ फ़र्क़ नहीं पड़ता यहाँ किसी को
जब तक संकट में ना हो ख़ुद की जान
खै़र जो भी है जैसा भी है, मेरा भारत महान ।
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