तीन विवादित कृषि कानूनों के विरोध में लगभग 25 दिनों से दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन चल रहा है। किसान इन बिलों का विरोध करने के लिए अपने घरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर प्रदर्शन करने को इकट्ठा हुए हैं। ऐसे में कई सारी चुनौतियां भी उनके सामने हैं। ऐसे ही एक समस्या है साफ-सफाई और उससे पनपने वाली बीमारियां। हालांकि किसान अपने स्तर पर इस समस्या से निपटने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। लेकिन बिना सरकार की मदद के इस समस्या से पूरी तरह निकल पाना संभव नहीं है। पंजाब और हरियाणा से आए कुछ डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों को पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान करने का काम कर रहे हैं।
पंजाब से आए हुए डॉक्टर सवाईमान सिंह कहते हैं “पिछले कुछ दिनों से डायरिया के मामले में अचानक से उछाल आया है जो कि सही नहीं है।” वह हमें बताते हैं कि शुरुआत में उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि प्रदर्शन इतना लंबा चलेगा लेकिन जैसे-जैसे प्रदर्शन आगे बढ़ रहा है वे आवश्यकतानुसार संसाधन जुटा रहे हैं। साथ में आए हुए डॉक्टर देओल बताते हैं कि महिलाओं के लिए अलग टेंट की व्यवस्था है और हम महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकता के भी ख्याल रख रहे हैं। उन्होंने कहा “हमारे पास महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड से और हमारे प्रदर्शन रूढ़िवादी धारणाओं से हटकर प्रगतिशील है महिलाओं की जरूरतों को समझते हैं और उन्हें पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं।”
इसके अलावा मूविंग टॉयलेट की भी व्यवस्था की गई है। किसानों के एक टीम की ड्यूटी समय-समय पर प्रदर्शन स्थल को साफ करने की है और इस तरह से सफाई सुनिश्चित कर रहे हैं।
हालांकि प्रदर्शन स्थल पर मौजूद और किसान दोनों इस समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी भी आवश्यकता है कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लें व साफ-सफाई के पर्याप्त इंतजाम करवाएं।
This article was originally published by Prabhat Tiwari in Trolley Times.
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